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आंदोलन किसान मांगू को लेकर अड़े सरकार बातचीत से हल निकालने को तैयार

आंदोलन

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आंदोलन एसपी गारंटी समेत अन्य मांगों पर अटक रही है बात

किसान आंदोलन आक्रामक होता जा रहा है वहीं किसानों और सरकारों के बीच चार दौर की वार्ता या बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका है किसान अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं इसके पक्ष और विरोध में अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं सरकारी पक्ष एसपी गारंटी देने को अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक बता रही है वहीं किसानों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा करने से सरकार की जेब से कुछ नहीं जाएगा बल्कि बिचौलियों को मिल रहा लाभ कम हो जाएगा किसानों को फायदा होगा किसानों का आंदोलन फिलहाल पंजाब हरियाणा तक सीमित है लेकिन धीरे-धीरे इसकी आज उत्तर प्रदेश राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों तक पहुंच रही है कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने पांचवें दौर की बातचीत का प्रस्ताव किसने के सामने रखा है अभी इस बात पर कोई निर्णय नहीं हो सका है

आर्थिक भार की बात बेमानी पुष्पेंद्र

किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह का कहना है की एसपी गारंटी देने से अर्थव्यवस्था बदल होना या होने की बात करना निराधार है उन्होंने कहा वर्ष 2023 और 24 में एसपी वाली 23 फसलों का कुल मूल्य 15 लाख करोड रुपए था लेकिन सभी किसान अपनी सभी फसलों को नहीं भेजते हैं करीब 5 लाख करोड रुपए की फसलों का उपयोग किस खुद करते हैं शेष 10 लाख करोड़ की फसल बाजार में जाती है इसमें भी सरकार गाने समय 23 फसलों की 4 से 5 लाख करोड रुपए की खरीद एसपी पर करती है एसपी की गारंटी देने से प्राइवेट सेक्टर की जेब से डेढ़ लाख रुपए निकालकर किसने की जेब में आ जाएंगे इससे सरकार पर कोई भर नहीं पड़ने वाला

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गारंटी देने से नुकसान कृषि जानकारी

वहीं कृषि जानकारी

कृषि के जानकारों का कहना है की एसपी गारंटी नहीं देने के पीछे कई कारण है जहां तक अर्थव्यवस्था पर भर की बात है यह स्थाई समाधान भी नहीं है यदि सरकार हर साल फसल की एसपी बढ़ती चली जाए तो एक समय ऐसा भी आएगा जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में फसलों का दाम भारत की फसलों से कम हो जाएगा ऐसा हुआ तो विदेशी फसलों का सस्ते दाम में आयात होगा इससे भी किसानों को ही नुकसान होगा इसलिए सरकार जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहती

सरकारी प्रस्ताव को किया खारिज

चौथे दौर की वार्ता में सरकार के प्रस्ताव में कहा गया की मशहूर औरत तू और मक्का और कपास को अगले 5 साल तक सीधे किसानों से खरीदा जाएगा जो इन पांच फसलों की उपज करेगा उनके साथ दो सहकारी एजेंसी या 5 साल के लिए खरीद का एग्रीमेंट करेगी खरीद की मात्रा पर कोई सीमा नहीं होगी अलग-अलग फसलों के उत्पादन से पंजाब की खेती बचेगी

हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार कहा कृषि मंत्री मुंडन

केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार एसपी की मांग फसल विविधीकरण प्रणाली और पिछले आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज फिर को हटाने जैसे मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है उन्होंने किसानों से ही समाधान के लिए सुझाव मांगे ताकि सर्व संवत समाधान निकाला जा सके

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