दोस्तों आपने देखा होगा घुड़सवार अक्सर घोड़े पर बाई तरफ से चढ़ते हैं क्या कभी आपने सोचा है कि वह ऐसा क्यों करते हैं जानते हैं इससे जुड़ी रोचक जानकारी
क्या आप जानते हैं घोड़े पर चढ़ने उतरने की यह प्रथा
घोड़े पर बाई तरफ से चढ़ने और उतरने की प्रथम शायद बहुत पुराने समय से ही चली आ रही है उसे समय से जब योद्धा के रूप में पुरुषों की कमर से उनके बाएं पैर की तरफ धातु की भारी तलवार लटकती थी ऐसी स्थिति में जब एक और शरीर पर इतनी वजनी चीज लटका हो तो स्वाभाविक था कि इसके दूसरी ओर के पैर का उपयोग हमेशा बेहतर रहता था अन्यथा बाय पर को उठाकर घोड़े की पीठ पर चढ़ते समय तलवार का बीच में अटकना बहुत स्वाभाविक था जिससे आज सुविधा ही नहीं दुर्घटना भी घट सकती थी आज भी प्रशिक्षण के दौरान घुड़सवारी सीखते समय जो पहला पाठ पढ़ाया जाता है वह है घोड़े पर हमेशा बाय और से चढ़ना यही कारण है कि अधिकतर घोड़े भी इसके आदी हो जाते हैं और क्या आप जानते हैं जब कभी कोई सवार इस प्रथा को तोड़कर दाईं ओर से चढ़ने का प्रयास करता है तो घोड़ा बौखला जाता है
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह प्रथा कई सदियों से चली आ रही है और इसे आज भी पूरी शिद्दत के साथ सिखाया जा रहा है यही वह महत्वपूर्ण कारण है
क्या आप जानते हैं
कि आज भी लोग घोड़े पर चढ़ते समय बाई तरफ से घोड़े पर चढ़ते हैं इसी तरह की और भी नॉलेज इनफॉरमेशन के लिए आप हमारी वेबसाइट पर न्यूज़ टाइम्स भारत पर बनी रहेगी धन्यवाद