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धरती को ठंडा रखने के लिए हवा में पानी सूखने पर विचार

धरती को ठंडा रखने

धरती के बढ़ते तापमान से कई तरह की जलवायु चुनौती पैदा हो गई है अमेरिकी वैज्ञानिकों ने यह पृथ्वी को और गर्म होने से रोकने के नई तरकीब खोजी है जिसमें पृथ्वी के वातावरण को सुखाया जाएगा क्योंकि जलवाष्प यानी गैसीय रूप में अपनी एक प्राकृतिक ग्रीन हाउस गैस है जो गर्मी को पर नहीं होने देते यह ठीक उसी तरह काम करता है जैसे कोयला तेल या गैस के जलने पर निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस करती है इसलिए नासा और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के वातावरण में मौजूद वाष्प कानों को सुखाने की योजना बनाई है साइंस एडवांस जनरल में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक वैज्ञानिक वातावरण के उसे हिस्से में बर्फ छोड़ना चाहते हैं ताकि वह हिस्सा ठंडा हो जाए इससे इंसान जनित गतिविधियों के कारण निकलने वाली गर्मी को सूखने में मदद मिले  

धरती को ठंडा
धरती को ठंडा

कुछ वैज्ञानिकों ने खारिज किया

वैज्ञानिकों के मुताबिक ऊपरी वातावरण को सुखाने की थ्योरी पृथ्वी का तापमान कम करने के अंतिम प्रयासों में से एक है जिओ इंजीनियरिंग के अन्य तरीके पहले भी पेश किए गए लेकिन उनसे जुड़े खतरों के कारण खारिज कर दिए गए कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि जिओ इंजीनियरिंग कार्बन प्रदूषण को कम करने का विकल्प नहीं हो सकता 

पानी गर्मी में ठंडा और सर्दी में गर्म क्यों होता है [How does water stay warm in cold areas?]

धरती को ठंडा रखने

क्या है वैज्ञानिकों का यह थ्योरी

शोधकर्ता जोशुआ कहते हैं इस थ्योरी के मुताबिक अत्याधुनिक विमान धरती से 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर यानी स्टेटस फेयर के ठीक नीचे बर्फ के कानों को हवा में छोड़ जाएगा इस ऊंचाई पर हवा धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठती है वहां से बर्फ और ठंडी हवा ऊपर उठकर वहां तक जाएगी जहां वाष्प कारण मौजूद है इससे वाष्पन बर्फ में बदल जाएंगे और स्ट्रेटोस्फीयर का तापमान कम हो जाएगा शोध का निष्कर्ष है कि हर हफ्ते 2 टन बर्फ हवा में छोड़ी जाए ऐसा करने से पांच फ़ीसदी तक तापमान कम हो सकता है वह कहते हैं कि तापमान में ज्यादा कभी नहीं कमी नहीं आएगी तो प्रदूषण के स्तर में जरूर कमी आएगी 

धरती को ठंडा रखने

धरती बढ़ रहा है खतरे की ओर धरती का सारा पानी सुख गया तो क्या होगा ? If all the water on Earth is gone

खतरों को भी समझना होगा

विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में जलवायु वैज्ञानिक एंड्रयू व्यूअर कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन की समस्या को हल करने के लिए वातावरण में छोड़ छेड़छाड़ करना नहीं समस्याओं को बुलाना है वह कहते हैं जियो इंजीनियरिंग की थ्योरी ठीक है लेकिन पूरा मामला बच्चों की कहानी जैसा है यह आइडिया कार्बन उत्सर्जन से निपटने तक ही ठीक है

धरती को ठंडा

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