सरकार की विभिन्न वित्तीय समावेशी योजनाओं के तहत ऋण चाहने वालों को अब अनिवार्य रूप से कौशल प्रशिक्षण लेने के लिए तैयार रहना होगा सरकार ऐसे प्रावधान लागू करने की तैयारी में है पीएम विश्वकर्म योजना की तरह अन्य योजनाओं में भी प्रशिक्षण अनिवार्य हो सकता है इस प्रावधान को लागू करने के पीछे यह सुनिश्चित करना है कि सरकार सिर्फ पैसा ना बनते बल्कि कुशल श्रमिकों को भी तैयार करें
नया प्रावधान
नया प्रावधान के तहत व्यक्ति की डिजिटल पहचान का इस्तेमाल करते हुए गांव जिला राजस्थान पर लाभार्थियों के लिए तीन चरणों वाली योजना लागू की जा सकती है इसमें चयन प्रक्रिया व प्रशिक्षण शामिल होंगे पीएम विश्वकर्म योजना में भी लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण देने के बाद ऋण दिया जाता है सामाजिक योजनाओं में दी गई वित्तीय मदद का उत्पादक उपयोग करने कौशल विकास को पूंजीगत समर्थन देकर कारोबारी क्षेत्र और व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाएगा
हालांकि यह वर्तमान में सभी योजनाओं के लिए नहीं किया जा रहा है वित्तीय सहायता केवल टारगेटेड सेगमेंट से व्यावसायिक प्रस्तावों के मूल्यांकन पर ही दी जाती है पीएम विश्वकर्म योजना की ही तरह मुद्रा योजना स्टैंड अप इंडिया और पीएम सम्मन निधि जैसी सरकारी योजनाएं चल रही हैं मुद्रा योजना कृषि से संबंधित गतिविधियों सहित विनीमन व्यापार और सेवा क्षेत्र में आए पैदा करने वाले छोटे व्यवसाय उद्योगों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है स्टैंड अप इंडिया ग्रीन फील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और महिलाओं को बैंकों से दृढ़ की सुविधा प्रदान करता है
पूर्व के स्टैटिसटिक्स ऑफ़ इंडिया प्रणब सेन कहा
ऋण देने के पहले कौशल प्रशिक्षण देने का विचार नया नहीं है इसका इस्तेमाल मनरेगा में किया जा रहा है यह प्रावधान अन्य वित्तीय समावेशी योजनाओं के लिए किया जाता है तो कई तरह की चुनौतियां सामने आएंगे यह भी देखना होगा कि क्या इतने बड़े पैमाने पर हमारे पास कुशल प्रशिक्षक है
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