रणजी ट्रॉफी फाइनल
अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में मुंबई क्रिकेट टीम ने करीब 8 साल का किताब इंतजार गुरुवार को खत्म कर दिया मुंबई ने विदर्भ को फाइनल में 159 रन से करारी शक्ति और 2938 दिन के बाद रिकॉर्ड 42 सी बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बन गई आखिरी बार मुंबई की टीम ने आदित्य तारे की कप्तानी में 2015-16 में रणजी किताब जीता था हालांकि मुंबई 2021-22 में भी फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब उसे मध्य प्रदेश के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था मैच के पांचवें दिन 538 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए विदर्भ की टीम दूसरी पारी में 368 रन ही बन पा सकी मुंबई ने पहली पारी में 224 और दूसरी पारी में 418 रन बनाए थे वहीं विदर्भ की टीम पहले पारी में 105 रन ही बना सकी थी और इसका उसे खामियाजा उठाना पड़ा
कप्तान अक्षय ने शतक लगाकर जीत दिलाई
वेदर की टीम भले ही मैच हार गई लेकिन दूसरी पारी में उसने लड़ने का जज्बा दिखाया टीम के कप्तान अक्षय वाडेकर ने करियर का कुल आठवां शतक लगाया और 102 रन की पारी खेली उन्होंने 1999 गेंद का सामना करते हुए 9 चौके और एक छक्का लगाया अक्षय ने हर्ष दुबे के साथ छठे विकेट के लिए 130 रन जोड़े हर्ष ने 5 चौक और दो छको के साथ 65 रन बनाए थे
रणजी ट्रॉफी फाइनल
विदर्भ को पहली बार फाइनल में हार मिली है टीम 2017-18 और 18 19 में दो बार फाइनल में पहुंची थी और चैंपियन बनी थी
तमिलनाडु टीम भले ही सेमीफाइनल में मुंबई के खिलाफ हार कर खिताब होड़ से बाहर हो गई थी लेकिन उसके 24 वर्षीय बल्लेबाज नारायण जगदीश चंद्र ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान बल्ले से दमदार प्रदर्शन किया वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बाजू में चौथे स्थान पर रहे इस दौरान उन्होंने एक चेहरा शक भी जादा
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