एक सप्ताह देर से घोषित हो सकते हैं लोकसभा के चुनाव
देश में गर्मी की शुरुआत और राजनीतिक पर चढ़ने के बीच हर किसी के मन में एक ही सवाल है की लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कब होगी चुनाव आयोग आम चुनाव से पहले की तैयारी में झूठा लेकिन माना जा रहा है कि पिछली चुनाव की तुलना में इस बार चुनाव कार्यक्रम की घोषणा में करीब एक सप्ताह का विलंब हो सकता है चुनाव की घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों का वह प्रशासन पर आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी चुनाव आयोग ने 2019 में 10 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी
राजनीतिक दलों व प्रशासन पर आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी चुनाव आयोग ने 2019 में 10 मार्च को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है
चुनाव आयोग अभी राज्यों का दौरा कर अधिकारी व राजनीतिक दलों के साथ चुनाव तैयारी की समीक्षा कर रहा है आयोग अभी बिहार के दौरे पर है सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में आयोग के द्वारा का जो कार्यक्रम है वह तय किया जाएगा आयोग का 12 व 13 मार्च को जम्मू कश्मीर का दौरा होगा ऐसे में माना जा रहा है कि इसके बाद ही मार्च के तीसरे सप्ताह तक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो जाएगी सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 10 अप्रैल से को समाप्त होगी सूत्रों का कहना है कि पहले चरण का मतदान इसके बाद ही तय किया जाएगा जबकि स्कूलों में मतदान केदो की व्यवस्था प्रभावित नहीं हो
चुनाव आयोग के दौरा चुनाव महत्वपूर्ण
चुनाव की घोषणा से पहले आयोग के प्रमुख राज्यों के डर महत्वपूर्ण है इन दोनों में आयोग मुख्य रूप से सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा करता है प्रशासन और राजनीतिक दलों से स्कूल कॉलेज की परीक्षाओं त्यौहार तथा मौसम के बारे में भी फीडबैक लेता है चुनाव की तिथियां तय करने में यह फीडबैक अहम भूमिका निभाता है आयोग 23 फरवरी को तमिलनाडु जाएगा उसके बाद यूपी में पश्चिम बंगाल का दौरा करेगा आपको बता दे
जम्मू कश्मीर पर असमंजस
जम्मू कश्मीर में लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने की अटकलें हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है आयोग 8 9 मार्च को अधिकारियों के साथ राज्य की स्थिति पर चर्चा कर सकता है उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 हटाने को वेद करार देने के अपने फैसले में निर्देश दिए थे कि राज्य में 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव करवाए जाए
चुनाव के दो मौसम
वैसे तो देश में कहीं ना कहीं संवैधानिक संस्थाओं के चुनाव होते रहते हैं लेकिन सितंबर अक्टूबर को अप्रैल में को राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव के लिए मुफीद मौसम माना जाता है इस सप्ताह मौसम में सबसे बड़ा मतदाता वर्ग किसान कृषि में ज्यादा व्यस्त नहीं रहते इन्हीं महीना में परीक्षाएं भी नहीं होती इसीलिए इसे सबसे बड़ा चुनाव या कहिए की सबसे महत्वपूर्ण चुनाव माना जाता है
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