जे ई ई मैं सफलता के लिए
जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन में के पेपर वन का परिणाम जारी हो चुका है बात इस परीक्षा की करें तो इसको लेकर स्टूडेंट्स में कई तरह के ब्रह्म बने रहते हैं यह इस तरह के भरम होते हैं जो परीक्षा में सफल होने से रोकते हैं ऐसे में जरूरी है कि इन भ्रमों को पूरी तरह से दूर किया जाए इन्हें दूर करना जरूरी है ताकि स्टूडेंट्स को फोकस करने में परीक्षा पर ज्यादा मदद मिले आई जानते हैं कि इस परीक्षा से जुड़े भ्रम और उनकी सच्चाई क्या है
कन्फ्यूजन नंबर 1
एक औरत स्टूडेंट इस परीक्षा को क्रैक नहीं कर सकता टॉपर ही सफल हो सकते हैं
सच्चाई यह सच है कि इस परीक्षा को बहुत कठिन मनाया गया है इसे क्रैक करना आसान नहीं लेकिन हार्ड वर्क करते हैं तो परीक्षा को क्रैक करना आसान हो जाता है कई बार यह भी कहा जाता है कि पिछले एग्जाम में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स ही इसमें सफलता का इतिहास रच सकते हैं इस परीक्षा के पिछले रिकार्ड को देख तो पाते हैं कि यह गारंटी नहीं है कि टॉपर्स इस परीक्षा में पहली बार में ही क्रैक कर लेंगे ना ही उनके पिछले ग्रेड इसमें किसी तरह से मदद करते हैं इस तरह एक औसत स्टूडेंट भी इस परीक्षा को क्रैक कर सकता है इसके लिए योजना बनाकर तैयारी करने की क्षमता पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी में जुट जाना और मन से नकारात्मक विचारों को दूर करना अनिवार्य है इसीलिए ऐसी बातों को सोने से बेहतर है की परीक्षा में तैयारी में तन मन से जुड़ जाए आपकी तैयारी मजबूत होनी चाहिए
जे ई ई मैं सफलता के लिए
कन्फ्यूजन नंबर दो
इस परीक्षा को क्लियर करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है
सच्चाई ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी है कि जितनी जल्दी परीक्षा की तैयारी शुरू कर देते हैं उतना ही अच्छा है मां लगातार जितना ज्यादा समय देगा उतने ही टॉपिक क्लियर होंगे प्रैक्टिस के लिए ज्यादा समय मिलेगा तो परीक्षा के परिणाम पर सकारात्मक असर पड़ेगा केंद्रित होकर पढ़ाई करना जरूरी है 8 घंटे फोकस होकर पढ़ाई करेंगे तो भी सफल हो सकते हैं दिन-रात किताबें लेकर बैठ बैठे रहना सफलता की गारंटी नहीं होता दरअसल ऐसी धारणा बनी हुई है कि घंटे पढ़ाई करते रहो तो ही परीक्षा में सफलता मिलेगी जबकि होना यह निश्चित चाहिए कि घंटे भले ही काम हो लेकिन इतना मन लगाकर पड़े की भूल नहीं
कन्फ्यूजन नंबर 3
ज्यादा किताबों से पड़ेंगे तो ही बेहतर मार्क्स आएंगे
सच्चाई विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आप जरूर से ज्यादा किताबों को शामिल करते हैं तो इससे कन्फ्यूजन बढ़ता है भटकाव पैदा होता है कई किताबें और एक्टिविस्ट में जूझने की जगह अपना फोकस सिर्फ कॉन्सेप्ट क्लीयर करने और मॉक टेस्ट और खुद को पॉजिटिव सोच के साथ आगे रखने में विश्वास करें इसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद ले सकते हैं
कन्फ्यूजन नंबर 4
हर परीक्षा की तैयारी एक ही रणनीति से संभव
सच्चाई कई छात्रों को लगता है कि इस परीक्षा को बोर्ड एग्जाम की तरह कर लेंगे और आसानी से पास भी हो जाएंगे बहुत से इंस्टिट्यूट इसी गलतफहमी के साथ परीक्षा की तैयारी करते हैं नतीजा परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते इसलिए हर परीक्षा की तैयारी के लिए अलग प्लान बनाना जरूरी है और उसी हिसाब से समय देना तभी सफलता मिलेगी है
कन्फ्यूजन नंबर 5
तैयारी के लिए सोशल लाइफ से दूरी बनानी पड़ेगी
सच्चाई ऐसा बिल्कुल नहीं है जरूरी नहीं है कि इसके लिए सोशल लाइफ से दूरी बनाई जाए सबसे जरूरी बात है की तैयारी को जुनून के साथ अंजाम तक पहुंचाएं और कोई भी ऐसी आदत ना अपने जो स्टूडेंट्स को लक्ष्य से भटकाए ब्रेक लेना भी जरूरी है लेकिन यह ब्रेक लंबी छुट्टी में तब्दील नहीं होना चाहिए यहीं पर स्टूडेंट गलतियां करते हैं और दिमाग में हमेशा एग्जाम को रखते हैं
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